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SEX EDUCATION

SEX EDUCATION IS A TABU IN INDIA

सेक्स एजुकेशन (SEX EDUCATION IS ATABU IN INDIA?) क्या है कैसे हम हमारे बच्चों को इसको लेकर समझाए या बात करें बात करनी भी चाहिए या नहीं क्या सही क्या गलत.तो आज का टॉपिक यही है कि कैसे हम बच्चों के साथ खुलकर बात करें!

SEX EDUCATION IS A PRIMARY NEED OF GENERATION WE SHOULD EDUCATE OUR CHILD ABOUT THE SITUATION 

हम सबने बहुत बार देखा है कि बहुत कम उम्र में कुछ लड़के और लड़कियां वो सारे काम करने लगते है जिनको मैच्योर होने के बाद या शादी के बाद करना चाहिए।

देखिए आज जिस तरह से सब कुछ बदल रहा है उसी प्रकार से हमको भी अब बदलना पड़ेगा.  (SEX EDUCATION)के बारे में आपको आपके बच्चे के साथ बात करनी पड़ेगी वो बच्चा आपका है|

तो उसको अच्छा और बुरा सब कुछ आपको ही बताना पड़ेगा क्योंकि जो बात आपको उससे करनी चाहिए वो बात उसके उम्र के उसके साथी या पड़ोसी सिखाएंगे.क्योंकि इस बदलते समय में ये एक नॉर्मल सी बात हो गई है! पहले लड़कियों और लड़कों को मैच्योर होने के लिए 12-16 साल और लड़की को 13-16 साल  तक का समय लगता था। 

SEX EDUCATION IS ATABU IN INDIA EDUCATE YOUR CHILD

लड़की का (menstruation cycle) Periods 14-16 साल कभी कभी 17 

 

तक जाता था ,लेकिन आजकल की मॉडर्न लाइफ स्टाइल MODERN LIFESTYLE ने खाना, सोना, खेलना ,जागना ,सब कुछ बदल के रख दिया है|

आज के समय में लड़की 11-13 साल में मेंस्ट्रुएशन साइकिल शुरू हो जाता है, तो उसी हिसाब से हमको भी बदलना ही पड़ेगा,

 आप लोग खुद से सोचो और बताओ आपने लास्ट टाइम कब जमीन के ऊपर पैर रखा था,

 जब हम घर में होते है तो पैरो में स्लीपर होते है स्लीपर नहीं होते तब पैरो के नीचे टाइल्स होते है,

 बाहर निकलो तो बाइक या कार होती है,मंदिर में जाओ तो टाइल्स या ग्रेनाइट होती है,|

 जादा तर हम सब का रुटीन बदल गया है,तो उसी हिसाब से हम सबको आज के जमाने या मॉडर्न लाइफ स्टाइल के हिसाब से अपनों बच्चों से बात करनी पड़ेगी,

ऐसा कभी नहीं हो सकता कि हमने ये किया हमने वो किया तुम ऐसा कैसे कर सकते हो, |

क्योंकि आज से 20 साल पहले शक्तिमान जूनियर जी ऐसे सीरियल्स आते थे, तब नेटफ्लिक्स,अमेज़नप्राइम,आदि नहीं था तो जो हमने किया है वो हम बच्चों से नहीं करा सकते इसलिए उनको सेक्स एजुकेशन के बारे में बात कीजिए डायरेक्ट या इंडिरेक्ट क्योंकि पहली रिस्पांसिबिलिटी आपकी बनती है आपके बच्चो के ऊपर जो बात उसे आपसे सीखनी चाहिए वो पड़ोसी सिखाए तो बच्चे डायवर्ट हो जाते है,

ख्याल रखे अपने बच्चो का अपनों का क्योंकि जिस प्रकार से सब कुछ बदल रहा है, उस प्रकार से हमको भी बदलना पड़ेगा। 

अभी पेरेंट्स के रिस्पांसिबिलिटी बनती है|

 वह खुद के बच्चों को सेक्स एजुकेशन कैसे दे सकते हैं सेक्स रिलेटेड जो कॉम्प्लिकेशंस है या जो सिचुएशन है या हार्मोनल जो चेंज होते हैं,

 उसके बारे में वह खुद के बच्चों को कैसे प्रिपेयर कर सकते हैं ‘

आने वाले समय के लिए तो आई थिंक सेक्स एजुकेशन कंपलसरी होनी चाहिए इन प्राइमरी लेवल स्कूल जिससे बच्चों को जब सेक्स के बारे में कुछ पता चले तो पहले सीख जाए और जिससे वह प्रिपेयर होकर रहे जैसे बहुत सारी फॉरेन कंट्रीज में सेक्स एजुकेशन (SEX EDUCATION TABU IN INDIA WHY?)को सब्जेक्ट में इंक्लूड करके रखा जाता है’

 ऐसे हमारे यहां पर भी यह सारी चीज इंक्लूड करनी चाहिए तो सेक्स एजुकेशन एक ऐसा टॉपिक होना चाहिए जिस टॉपिक के बारे में हर कोई पेरेंट्स अपने बच्चों से खोल कर बात कर सके बच्चों को समझ सके हम बात आती हो तो टॉक योर चाइल्ड शो इन सिंपल यू कैन स्टार्ट टॉकिंग विद योर चाइल्ड इन ए सिंपल वे ऐसा होता है’

 हार्मोनल चेंजेज होते हैं यह सब के साथ होता है हमारे साथ भी फेस किया था ‘

अब आपको ही सारी चीज परेशानी क्रिएट कर सकती है ऐसे करके आपके बच्चों के साथ आप बात कीजिए और उनको अबाउट टू द सेक्स बताइए तो सेक्स एजुकेशन (SEX EDUCATION)आई थिंक Must होनी चाहिए इन इंडिया.   

 

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